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मेरी माँ

????मेरी माँ????

मेरे दिल की बैचेनी को,खुद जान लेती है माँ,
मेरे गम को मिटाकर,मुझे ख़ुशी दे देती है माँ,
जिंदगी की धूप में,छाया बन साथ देती है माँ
निकलता हूँ रोज़ सुबह,घर से जब ऑफिस,
रोज़ की तरह,आँखों में इंतज़ार भर लेती है माँ,
आता हूँ जब में लौटकर, सुनसान सड़क पर,
चिंता की लकीरे लिए मेरी राह देखती है माँ

नवीन श्रोत्रिय “उत्कर्ष

+9184 4008-4006

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