अच्छा हुआ या बुरा हुआ
सब पहले ही से है तय हुआ।
कोई दूर से रहा ताकता
कोई पास हो के भी न हुआ।
मेरे दिल पे हाथ तो रख दिया
मेरे दर्द को तो नहीं छुआ।
मेरी बात वो समझा नहीं
जो कहा था मैने बिन कहा।
मुझे अब भी उसकी तलाश है
जो मुझमें है कहीं गुम हुआ।
———सतीश कसेरा