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मैं और वो

चन्दन मेरा वजूद है लिपटे हुए हैं सांप ,
बेबस की ये दवा है क्या मीर किया जाये ….

गुलजार करने आया था वो बागबान मानिंद ,
गुलसन उजाड़ कर फिर वो मीर चल दिया ..

…atr

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