मैं लिखता हूँ रात भर Abhishek kumar 5 years ago मैं लिखता हूँ रात भर कविता तू सुबह पढ़ कर खुश होती है। मैं जब कभी हँसता हूँ खुशियों में मुझे तू हँसता देख कर रोती है।