मोहब्बत राही अंजाना 6 years ago तुझे तराशकर फिर कुछ और मैं तराश न सका, तेरे चेहरे के सिवा आँखों में मैं कुछ उतार न सका, बड़ी मशक्कत लगी मुझको तुझको बनाने में मगर, तेरी रगों में मोहब्बत के रंग मैं उतार न सका।। राही (अंजाना)