Site icon Saavan

याद

अपने गली का होने ना दिया,
खुद के घर चैन से सोने ना दिया।
जाते-जाते मुड़ा इस कदर,
मुस्कान मेरा ले गया,
फिर भी मुझे रोने ना दिया।
अपना कह कर अपना बना ना सका,
लाकर छोड़ा इस मोड़ पर,
मुझे किसी और का होने ना दिया।
दुनिया के भीड़ में कहीं गुम हो जाऊं,
ये सोच कर घर से निकली,
उसकी याद ने ऐसे जकड़ा,
कहीं खोने ना दिया ।

Exit mobile version