चाय की चुस्कियों पर ही
तुम्हारी याद आती है,
बाकी तो व्यस्तता है,
जो मुझे दिन भर सताती है।
जिस दिन अधिक शक्कर पड़ी हो
खास कर उस दिन,
तुम्हारी याद आती है,
दिन भर रुलाती है।
— डॉ0 सतीश पाण्डेय, चम्पावत