यूँ खफा मत रहो
भुला दो बात बीती,
कब तलक गांठ मन में
आप बांधे रहोगे।
आप थोड़ा अधिक अच्छे
हम जरा सा बुरे
हैं तो इंसान ही
यूँ फर्क तुम कैसे करोगे।
अगर इंसान हैं तो
खूब कमियां भी रहेंगी
कमी की बात कर यूँ
कब तलक नफरत करोगे।
यूँ खफा मत रहो
भुला दो बात बीती,
कब तलक गांठ मन में
आप बांधे रहोगे।
आप थोड़ा अधिक अच्छे
हम जरा सा बुरे
हैं तो इंसान ही
यूँ फर्क तुम कैसे करोगे।
अगर इंसान हैं तो
खूब कमियां भी रहेंगी
कमी की बात कर यूँ
कब तलक नफरत करोगे।