दुनिया के रंगमंच में कुछ किरदार ऐसे
होते हैं जो कभी किसी का ध्यान
आकर्षित नही कर पाते…
मगर उनके बिना अधूरी है कहानी
की खूबसूरती…!!
वो कभी नहीं करते प्रयास कहानी का
नायक बनने का…
मगर पूरी तत्परता से निभाते हैं अपना
किरदार बिना किसी सराहना
की उम्मीद किये…!!
और एक दिन ज़िन्दगी की पेचीदा पटकथा
में उलझकर खो जाते हैं नेपथ्य में…!!
मैं तुम्हारी दुनिया के रंगमंच का शायद
वही किरदार हूँ..!!
©अनु उर्मिल ‘अनुवाद’
(27/03/2021)