रची जाती यहां, प्यारी-प्यारी रचनाऐं
मन के भावों को दर्शाती
सामाजिक मुद्दों पर जागरूक कराती
संस्कृति का दर्शन करवाती
मन को आनंदित कर जाती
रचनाओं उपरांत, समीक्षा पढ़ने की बारी आती
जिसमे समीक्षकों की भिन्न सोच दिखाई देती
तो रचनाओं की गहराई जान पाती
जो आनंद को दोगुना कर देती
मैं भाव-विभोर हो जाती।