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राखी का त्यौहार

सूना जाए राखी का त्यौहार,
राखी भेजी है, डाक से इस बार
ना भैया मिलें, ना भाभी मिलें,
ना मिले मां पापा का प्यार।
ना भतीजी, भतीजे के मुख पे खुशियां मै देखूं,
ना कर पाऊंगी उनको मैं दुलार।
अनमनी सी हो रही हूं मैं तो,
सूने सूने से होंगे सारे त्यौहार।

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