राजनीति
राजनीति के गलीयारे में
ऊच नीच सभी बह जाते हैं
जिसको दुध पिलाकर पाला
सपोले बनकर डस जाते हैं
राजनिति की परछाई में पड़कर
देश को खोखला कर जाते हैं
शौहरत नाम के लिए राजनेता
अपनी मॉ का सौदा तक कर जाते हैं
चलती हैं चुनाव की आगाज
नेता भी कुत्ता बन जाते हैं
गली गली चौराहे तक
पैदल चलते दिख जाते हैं
नेतागिरी का धौंस जमाकर
देश को दिमक बनकर चट जाते हैं
नेता का कोई धर्म संस्कार नहीं
अपनी जन्मभूमी का सौदा कर जाते हैं
पहन जनेऊ रखकर सिर पर टोपी
जनता को गुमराह कर जाते हैं
जाति धर्म का चुगली करके
दंगा फसाद करवा जाते हैं
लम्बी लम्बी बाते करके
चुनावी दंगल जीत जाते हैं
महेश गुप्ता जौनपुरी
मोबाइल – 9918845864