राह में रोड़े Praduman Amit 4 years ago ए दोस्त सोचो,अगर राह में रोड़े न होते। जीवन के परिभाषा, हम कैसे समझ पाते।। यही रोड़े सभी को जीवन धारा बदल दिया। वरना संसार के इस सैलाब में हम कहाँ होते।। ठोकर पे ठोकर खा के भी हम कब संभल पाए। काश हम दुनिया को राह के रोड़े से तौल पाते।।