रो लेता हूँ Pt, vinay shastri 'vinaychand' 4 years ago इस बंजर-सी धरती पर कुछ अश्कों के बीज बो लेता हूँ। जब जब तुहारी याद आती है तो छुप छुप के रो लेता हूँ।।