लफ़्ज ढूढ रहे है बसेरा तबाही में कहीं Panna 10 years ago है हर तरफ़ शोर तबाही का गुमराह है रूह, दबी हुई सी कहीं डूब गया है सूरज उम्मीद का लफ़्ज ढूढ रहे है बसेरा तबाही में कहीं