वक्त ऐसा है
हालात इस तरह के हैं
कैसे आगे बढूं
यह न सोच मन में।
वक्त को बदल ले मेहनत से,
न रख स्वयं को गफलत में,
कि खुद ब खुद होगा सब कुछ,
कर्म से
तुझे स्वयं की राह
बनानी होगी,
बहा पसीने को
ठंड भगानी होगी।
मन में जितनी भी हैं ग्रन्थियां
उनको झकझोर कर
नई उमंग जगानी होगी।
पाने को कल की मंजिल
आज ताकत लगानी होगी।