वक्त को बदल ले मेहनत से

वक्त ऐसा है
हालात इस तरह के हैं
कैसे आगे बढूं
यह न सोच मन में।
वक्त को बदल ले मेहनत से,
न रख स्वयं को गफलत में,
कि खुद ब खुद होगा सब कुछ,
कर्म से
तुझे स्वयं की राह
बनानी होगी,
बहा पसीने को
ठंड भगानी होगी।
मन में जितनी भी हैं ग्रन्थियां
उनको झकझोर कर
नई उमंग जगानी होगी।
पाने को कल की मंजिल
आज ताकत लगानी होगी।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

Responses

  1. नई उमंग जगानी होगी।पाने को कल की मंजिल
    आज ताकत लगानी होगी।
    ____ सही वक्त पर मेहनत की महत्ता बताती हुई कवि सतीश जी द्वारा प्रस्तुत बहुत उत्कृष्ट रचना। बेहतर शिल्प और कथ्य सहित उम्दा प्रस्तुति

+

New Report

Close