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वाणी में मिठास

वाणी में मधुरता हो,
बैरी भी अपने बन जाए,
मुख से निकले व्यंग्य बाण,
हृदय में नासूर बनाएं,
ह्रदय के नासूर में,
मीठी वाणी का मरहम लगाएं,
अपने हो या बेगाने,
सभी से अपनत्व पाएं।।🥰🥰

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