Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
वाणी
मानव का गहना है वाणी, वाणी का भोगी है प्राणी । मधुर वचन है मीठी खीर, कटु वचन है चुभता तीर । सद वचन है…
नासूर पर मरहम
नासूर पर तो मरहम भी बेअसर से निकले, करते है याद जिनको वह बेखबर से निकले। जब कभी मुझे पुराने दिनों की याद आती है,…
कितने ही ख़्वाब
जितने भी ख़्वाब मेरे झूठ के बहाने निकले, उतने ही सच हकीकत के सिरहाने निकले। जितने दुश्मन मेरे घर के, किनारे थे मौजूद, उतने ही…
भोजपुरी धोबी गीत – भगा देता बैरी केरौना |
भोजपुरी धोबी गीत – भगा देता बैरी केरौना | नाक करे सुकुर पुकुर बुखार ना उतरौना | बलम हो भगा देता बैरी केरौना | धीरज…
वाणी में मधुरता रखने की बात कहती अमिता जी की बहुत ही उत्कृष्ट रचना
प्रेरक विचार
बहुत सच्ची बात
सुंदर
सुंदर समीक्षा हेतु आप सभी का धन्यवाद