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वोही तो लौटी हैं आज बन खंजर सीने में

क्या हुआ आज एक हाथ ही तो छूटा है
वक्त-बेवक्त कईयों को तूने भी लूटा है
लूटते हुए जो खुशियाँ खिलीं थी सीने में
वोही तो लौटी हैं आज बन खंजर सीने में

……यूई

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