सच में बहुत बुरी हूँ मैं
कमियां ही कमियां हैं मुझमें
एक भी अच्छाई नहीं है
पर कमियों के साथ ही
जो स्वीकार करती है मुझे
वो है मेरी माँ…
हर गलती पर मुझे डाटती है
और फिर माफ कर देती है
वो है मेरी माँ…
सच में बहुत बुरी हूँ मैं
कमियां ही कमियां हैं मुझमें
एक भी अच्छाई नहीं है
पर कमियों के साथ ही
जो स्वीकार करती है मुझे
वो है मेरी माँ…
हर गलती पर मुझे डाटती है
और फिर माफ कर देती है
वो है मेरी माँ…