वो ज़ज़्बा कहा खो गया

वो ज़ज़्बा कहा खो गया
जब इंसा सिर्फ इंसा था
          राजेश’अरमान’

Related Articles

Ehasaas

काश कि हर इंसा को होता, किसी की भूख का एहसास काश कि हर इंसा को होता, अपमान की तकलीफ़ का एहसास काश कि हर…

ना समझ संतान

कहानी-ना समझ संतान पैतृक संपत्ति से कुशल किसान रहता था, अनेक पशुओं तथा कृषि यंत्रों के साथ एक सुनहरे भवन का मालिक था, किसान के…

Rita arora jai hind

जाड़े की ऋतु आई गरमी की हुई विदाई रेवड़ी मूँगफली घर में आई शरबत कोल्ड्र ड्रिंक जूस सबकी हो गयी छुट्टी चाय काॅफी घर में…

Responses

+

New Report

Close