मैं वो तस्वीर नहीं जो आइने से गुजर जाता हूँ
खुश्बू भी नहीं जो लोगो मे बिखर जाता हूँ
बिखरती हैं शामे दिन निकलने से पहले
मै शायरी हूँ जो हर पन्ने पे उतर जाता हूँ
मैं वो तस्वीर नहीं जो आइने से गुजर जाता हूँ
खुश्बू भी नहीं जो लोगो मे बिखर जाता हूँ
बिखरती हैं शामे दिन निकलने से पहले
मै शायरी हूँ जो हर पन्ने पे उतर जाता हूँ