शायर Rajneeshy

मैं वो तस्वीर नहीं जो आइने से गुजर जाता हूँ
खुश्बू भी नहीं जो लोगो मे बिखर जाता हूँ
बिखरती हैं शामे दिन निकलने से पहले
मै शायरी हूँ जो हर पन्ने पे उतर जाता हूँ

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” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

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