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शुरुआत की खातिर

गम-ए-हयात की खातिर या किसी बात की खातिर,
हम तो खामोश रहे इक नई शुरुआत की खातिर..
कुछ रहे पास, खुदा से ये भी बर्दाश्त ना हुआ,
उसने आंँसू भी ले लिए मेरे, बरसात की खातिर..

मायने :
गम-ए-हयात – ज़िन्दगी के गम

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