शेर(चाह) मोहन 4 years ago वैसे नींंद नहीं आती , आजकल मुझे। जबसे देखा हैं , हमदम तुझे किस्मत में हैं, या नहीं तू पर कोशिशें करता हूँ , अब सो जाने की काश इक पल सपनों में ही , मिल जाए तू मुझे ..!