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संकल्प हमारी पहचान है

संकल्प हमारी पहचान है
फिसलन विषयों में अब-तक राग है
उठना ही जिन्दगी है
गिरना शोभा तुम्हें देता नहीं है ।।
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उठने में परम आनंद है
विषयानुराग मौत-ही मौत है
जिन्दगी द्वार खड़ी है,
दरबाजा खोल,
संकल्प तुम्हारी पहचान है ।।2।।
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गिरेगा कैसे?
जब हाथ पकड़े है राम तेरे
प्रण टूटेगा नहीं तेरा
जब खूद में तु व्यस्त है ।।3।।
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हाँ खूद से दूर जाना नहीं तुम
लाख सताये दुनिया तुम्हें
लेकिन खूद को भुलना मत तुम ।।
विकास कुमार

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