कहना सरल होता है
निभाना कठिन,
अगर ठान लो तो
नहीं कुछ कठिन।
केवल कहो मत
कर्म करते रहो
रुको मत कहीं पर
चलते रहो।
किसी का बुरा मत
सोचो कभी भी,
इज्जत बराबर
करो तुम सभी की।
टूटे को जोड़ो,
किसी को न तोड़ो,
जिन्दगी को सच्ची
दिशाओं में मोड़ो।
निगाहों में पानी
भावों में नरमी,
रख लो, रहो खुश
निराशा को छोड़ो।