सच की बनती है बात Satish Chandra Pandey 3 years ago बात केवल सच की हो, सच का हो सम्मान, झूठ त्याग दे आज ही, बात समझ इंसान। बात समझ इंसान, राह सच की अपना ले, सच पर चल कर राह स्वयं की आज बना ले, कहे लेखनी सुबह के बाद जन्मती रात, जो सच रखता साथ उसकी बनती है बात।