सन इकहत्तर के
जंगी जवानों,
आपको हम सभी का नमन,
आप जांबाज थे हिन्द के
आपको हम सभी का नमन।
ऐसी ताकत दिखाई थी सच में
देखता रह गया था वो दुश्मन,
धूल ऐसी चटाई थी उसको
हाथ बांधे खड़ा था वो दुश्मन,
पाक की सारी नापाक हरकत
पीस कर के बना दी थी चूरन,
सारी सेना को घेरा था उसकी
देखता रह गया था वो दुश्मन।
वो बड़ी जीत थी हिन्द की,
जो लिखी स्वर्ण अक्षर में है,
फौज दुश्मन की नब्बे हजारी
हाथ ऊपर करे जब खड़ी थी,
सीना चौड़ा हुआ हिन्द का,
करके जयघोष सेना खड़ी थी।
सन इकहत्तर के
जंगी जवानों,
आपको हम सभी का नमन,
आप जांबाज थे हिन्द के
आपको हम सभी का नमन।
ऐसी ताकत दिखाई थी सच में
देखता रह गया था वो दुश्मन।
— डॉ0 सतीश चंद्र पाण्डेय