सब कुछ झूठा Rishi Kumar 3 years ago सूरज जलकर कब रोया संध्या रातों मे कब सोई गुलमोहर का साख से झरना कब बंद हुआ दशरथ माझी का हथौड़ा कब बंद हुआ, क्यों रोता है मूरख बंदे सत्य प्रकृत , प्रकृत अनोखा, बस लड़ना सीख सब कुछ झूठा ……………… कवि ऋषि कुमार प्रभाकर