गरीब को भी
इंसान समझना है तुम्हें
क्या पता कब कहाँ
मिल जायें भगवान तुम्हें।
भूख क्या होती है यह भी
समझना है तुम्हें,
इंसान हो इंसानियत को भी
समझना है तुम्हें।
मिली है बुद्धि
अच्छा और बुरा सोचने की,
जानवर हो नहीं, मानव हो
समझना है तुम्हें।
न मसलो बेजुबानों को
न छीनो जिन्दगी का हक
दानव नहीं, मानव हो
समझना है तुम्हें।