सोये होते तो उठ जाते बेहोश हैं लोग अभी उठाने में ज़रा समय लगेगा,
गहरे हैं रिश्ते मगर फिर भी दूरियां हैं,
बीच में हैं खड़ी दीवारों को गिराने में ज़रा समय लगेगा।।
आँखों में दरिया है और पैरों में समन्दर बिछा है,
डूबकर उस पार निकल जाने में ज़रा समय लगेगा॥
खेल है अजीब और खिलाड़ी गजब हैं इस शतरंजी ज़माने में,
अभी मुक्कमल चाल लगा कर हराने में ज़रा समय लगेगा॥
राही (अंजाना)