एल एसी में शान्ति, विश्वास बहाली को हम प्रतिबद्ध हैं
मातृभूमि की अखंडता, संप्रभुता की रक्षा को तत्पर हैं ।
हमारा भारत शान्ति का हिमायती, हिंसा से दूर रहता है
बातचीत से ही मसले सुलझाने की ख्वाहिश रखता है ।
हमारे पङोसी की मंशा उकसावे की रहते आई है
हमरे मुल्क के संवाद, अहिंसा की नीति पे बन आई है ।
सुलझाना नहीं, उलझाना जिन्हें बस आता है
अशांति के पोषक को, शान्त रहना, कहाँ भाता है ।
उद्धत रवैया की भरपाई उन्हे भी करना होगा
इसकी कीमत उन्हे चुकाना है, यह समझना होगा ।
विश्वसनीयता पर छाया संकट, उनका कल कैसा होगा
विश्व समुदाय से अलग-थलग होके उन्हें रहना होगा ।
चीनी भयादोहन का सामना हमें मिलकर करना होगा
हर जन में विश्वास का बीज, सरकार को भरना होगा।
दुर्योग के मौकों पे,मतभेदों से इतर होके रहना होगा
विपक्ष को भी प्रतिबद्धता के समवेत स्वर भरना होगा ।
समवेत की आहट सरहद लाघ उनतक पहुंचाएगे
आत्मविश्वास के आगे कहाँ, खुद को रख पाएंगे ।