शब्द चाहे सरल हों,
या फिर हों जटिल
हृदय को करें प्रसन्न
तो अर्थ है,
वरना सब व्यर्थ है।
यदि आपके शब्द,
किसी के ह्रदय को करें स्पर्श
तो समझो वाणी और कलम में,
सरस्वती विद्यमान है..
वरना बोलती तो सभी की ज़ुबान है।।
_____✍️गीता
शब्द चाहे सरल हों,
या फिर हों जटिल
हृदय को करें प्रसन्न
तो अर्थ है,
वरना सब व्यर्थ है।
यदि आपके शब्द,
किसी के ह्रदय को करें स्पर्श
तो समझो वाणी और कलम में,
सरस्वती विद्यमान है..
वरना बोलती तो सभी की ज़ुबान है।।
_____✍️गीता