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सलाखें ग़ज़ल गाती हैं

अब तो उनके घर से सदायें आती हैं ,जो कभी मेरे न थे उनकी भी दुआएं आती हैं …
सुना है उन मकानों में हज़ारो कत्लखाने हैं , जहाँ दिल चूर होते हैं , सलाखें ग़ज़ल गाती हैं…
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