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सहारे

समन्दर के कभी दो किनारे नहीं मिलते,
हमसे तो आकर ही हमारे नहीं मिलते,

बात ये है के विचारधारायें भिन्न हैं सभीकी,
तभी तो ढूढे से किसी को सहारे नहीं मिलते।।
राही (अंजाना)

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