सावन की एक-एक बूंद
कैसा एहसास दिलाती है?
कोपलें भी फूटते लगती हैं….
पत्तियां नाचती हैं सावन में
और पुष्प आपस में
सौंदर्य की बातें करते हैं
सब मगन होते हैं सावन में….
जब बरसात होती है
और सभी के घर, गलियां
उपवन, बरसात में भीगते हैं….
मन मयूर-सा नाच उठता है
और गुनगुनाता है कोई-साज….
मेरा मन भी याद करता है
तुम्हारे साथ बिताए गए
पलों को सावन में….