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सिर्फ देख लू एक बार

सिर्फ देख लूँ एक बार उसे करीब से,

फिर इन हाथों में मैंने कोई जाम नहीं लेना है॥

 

छलक जाए गर मेरी आँखों से अश्क तो समझ लेना,

उसी ने कहा था के मेरा नाम नहीं लेना है॥

 

राही (अंजाना)

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