सुकून!!
तू मेरे पास कब होता है,
तुझे ही मालूम है,
या मुझे ही पता है,
यही तो तेरी अदा है,
जब मैं कर्तव्य पथ पर
रमा होता हूँ,
तब तू मेरे पास होता है।
निःसहाय की मदद के समय
परोपकार की भावना के समय
सच्चाई की चाह के समय
सुकून तू मेरे पास होता है।
दायित्व निभाते समय,
गिर पड़े को उठाते समय
रूठे को मनाते समय
स्नेह में नहाते समय
सुकून तू मेरे पास होता है।
मेहनत की कमाई के समय
थोड़ा सा भलाई के समय
सुकून तू मेरे पास होता है।