सुबह का चाय
बड़ा हीं मीठा ।
मीठी सोच
विचार भी मीठा।।
गमी खुशी से दूर कहीं
कवियों का संसार भी मीठा।
सुप्रभात विनयचंद आखे
सावन का परिवार भी मीठा।।
सुबह का चाय
बड़ा हीं मीठा ।
मीठी सोच
विचार भी मीठा।।
गमी खुशी से दूर कहीं
कवियों का संसार भी मीठा।
सुप्रभात विनयचंद आखे
सावन का परिवार भी मीठा।।