आज सजूं साजन की खातिर,
ओढ़ के सुर्ख चुनरिया
हाथों में मेंहदी पिया नाम की,
पहनूं लाल चूड़ियां
माथे पर बिंदी चमके सदा,
साजन तेरे नाम की
तेरी हो गई साजन मैं तो,
जबसे बाहें तुमने थाम ली
मांग सिंदूर सदा चमके,
पैरों में पायल भी खनके
साजन व्रत रखूं तुम्हारे लिए,
चंदा को अर्घ्य चढ़ाऊं मैं,
सौभाग्य मांग लूं, चंदा से
साथ सदा साजन का पाऊं मैं
*****✍️गीता