Site icon Saavan

हम मुर्दा हैं

हम मुर्दा हैं या जीवित तुम्हें कोई
फर्क नहीं
तुम्हें इस बात का कोई इल्म नहीं
के हम किस हाल में रहते हैं
सब दिल का खेल है
तुम्हें मेरे जीवन की भी खबर नहीं
मगर तू मेरी हर
नब्ज़ में धडकता है
और हर साँस में महसूस
होता है
रूबरू होने का मौका नहीं
देती दुनिया
पर तू तो हर एहसास में
रहता है मौजूद
बस दिल का फर्क है
तेरा किसी और की खातिर धडकता है
मेरा तेरे लिये धडकता है

Exit mobile version