हम मुर्दा हैं या जीवित तुम्हें कोई
फर्क नहीं
तुम्हें इस बात का कोई इल्म नहीं
के हम किस हाल में रहते हैं
सब दिल का खेल है
तुम्हें मेरे जीवन की भी खबर नहीं
मगर तू मेरी हर
नब्ज़ में धडकता है
और हर साँस में महसूस
होता है
रूबरू होने का मौका नहीं
देती दुनिया
पर तू तो हर एहसास में
रहता है मौजूद
बस दिल का फर्क है
तेरा किसी और की खातिर धडकता है
मेरा तेरे लिये धडकता है