हर बार टूट जाते है अहसास Panna 4 years ago बेहिसाब अहसासों को हम सिमटे कैसे कहां हो पाता है मुकम्मल मकां-ए-नज्म मिरा हर बार टूट जाते है अहसास, ख्वाबों के जैसे