हर रिश्ता तार-तार हुआ UE Vijay Sharma 8 years ago रूह मेरी तड़प तड़प गई, तूने ना पुकार सुनी तुझसे ना–उम्मीदी में, बैरंग सी यह फिज़ा बुनी ज़िन्दगी तो बसर गई, हर रिश्ता तार–तार हुआ तेरे–मेरे इस खेल में, हर किरदार दागदार हुआ …… युई