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हाय रे चीन

हिंदी कविता व्यंग्य

शीर्षक-: हाय रे चीन (कोरोना और चाइना )

हाय रे चीन

चैन लिया तूने

सबका छीन

कुछ भी न बचा

तुझसे ऐसा

जो न खाया

तूने बीन बीन

हाय तू कैसा शौक़ीन

सारी दुनिया को

दे के Covid 19

कर दिया तूने

शक्तिहीन

जब वो रो रही

बिलख रही

तब तू बन ने चला

महा महीम

हाय रे चीन

तुझ पर Biological Weapon

बनाने का आरोप लगा

फिर भी तू है

लज्जाहीन

ये बीमारी देने

के बाद

तू बढ़ा रहा

अपना व्योपार

दे कर दुनिया को

Mask और

वेंटीलेटर मशीन

हाय रे चीन

दुनिया तुझसे

जवाब मांगे

आरोप हैं तुझपे संगीन

न जाने कितनो

को लील गया

तेरा Super Power

बन ने का सपना रंगीन

हाय रे चीन

हाय रे चीन ….

अर्चना की रचना “सिर्फ लफ्ज़ नहीं एहसास”

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