हाल- ए -दिल राम नरेशपुरवाला 5 years ago कवि तो होते है बदनाम आश्कि की रहो मे भटकते फिरते है| दोष लगता है उनपर कलम से छेड छाड़ का वो तो बस अपना हाल -ए -दिल बयां करते है |