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हाज़िरजवाबी आ गई

‘इतना कुछ लिखा गया फितरत किताबी आ गई,
ज़िंदगी के मंच पर जुर्रत खिताबी आ गई..
उंगलियाँ उठी तो अल्फाजों को ताकत मिल गई,
सवाल इतने उठ गए हाज़िरजवाबी आ गई..’

– प्रयाग

मायने :
अल्फाज़ो को – शब्दों को

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