Site icon Saavan

हिन्दी कविता: किसान दिवस

किसान दिवस स्पेशल:-
*********************
२३ दिसम्बर को हर वर्ष
किसान दिवस मनाया
जाता है
मीठी-मीठी बातें कर
हम किसानों को
फुसलाया जाता है
बैठा है दिल्ली में किसान
मांगे अपने हक का मान
पर सरकार को दिखे नहीं
रोते-बिलखते परेशान किसान
हम दिखते स्मगलर उनको
हम दिखते कांग्रेसी उनको
हमी में दिखते पाकिस्तानी
हमी में दिखते चीनी
मगर नहीं दिखती मुगलेआजम को
हमारी आँखें भीनी-भीनी
सोंचा था ‘किसान दिवस पर ही
उपहार मिलेगा
सियासत थोड़ी ठण्डाई होगी
शहंशाह का दिल पिघलेगा
पर ऐसा कुछ नहीं हुआ
किसान ठिठुरता ही रहा !!

काव्यगत सौन्दर्य:-

यह कविता वर्तमान में किसान बिल के खिलाफ
दिल्ली में हो रहे किसान आन्दोलन को
समर्पित है..
क्योंकि किसान दिवस तो हमारे देश में
मनाया जाता है परन्तु किसानों की समस्याओं
को नहीं सुलझाया जाता..
यह कविता व्यंगात्मक शैली में लिखी गई है कवि का धर्म है कि वह समाज में हो रहे दुर्व्यवहार पर अपनी कलम से प्रहार करे और
समाज को आईना दिखाये….

Exit mobile version