हे प्रभु.. Geeta kumari 3 years ago हे प्रभु, कभी जन्म लो इस धरा पर , बन कर एक इंसान। फ़िर महसूस करो उस दर्द को, जब बिछुड़ जाए निज संतान। अब इसके आगे क्या कहूँ, खुलती नहीं जुबान। खिसक गई पैरों तले ज़मीं, और फट गया आसमान॥ ______✍गीता